LIFE
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मेरी पहली नौकरी
1998 की गर्मीयों की बात है। मैंने अभी-अभी इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से अपना एमबीए पूरा किया था। हर नए ग्रेजुएट की तरह मुझे भी उम्मीद थी कि जल्द ही कोई अच्छी नौकरी मिल जाएगी।हफ्ते बीत गए, पर किसी भी कम्पनी से कोई खबर ही नहीं आई। उन दिनों इंटरनेट तो था नहीं, आप एप्लीकेशन पोस्ट ऑफिस से भेजते और फिर इंतजार करते की कही से कोई जवाब आ जाए. मैं थोड़ा मायूस होकर अपने गाँव लौट आया। एक अच्छे कॉलेज से इंजीनियरिंग डिग्री और अब एमबीए होने के बावजूद, मैं बेरोज़गार था । परिवार में किसी को कोई दिक्कत नहीं थी। घर में दूकान था ही और उन्हें…