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माँ
A hindi poem for mother सो सका सुख से, जिसमे मेरा मन,तेरी गोद जैसे, फूलो का आसन ! दुःख समेट लेता, तेरा ये आंचल आशीषों का भण्डार, और मेरा संबल ! आशीषों के इस झरने मे, डूब डूब ही जाऊ ध्रुव की अचल शिला सी, पदवी कोई पाउँ ! अनजाने मे कभी, ऐसा ना हो जाये मैं मस्त रहुँ ठहाकों में, और तु रो जाये !! तेरी आँख का एक बुंद, होगा मेरे लिये प्रलय तेरी खुशी की खातिर, हो मेरा सर्वस्व निलय ! तेरी कठिन तपस्या से ही, है मेरा अस्तित्व यहाँ एक – एक बुँद से तूने, रच दिया मेरा ये जहाँ ! इस देह के रोम-रोम पर,…